अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तिगत जीवन :-
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कभी शादी नहीं की और जीवन भर कुंवारे रहे। इसके बजाय, उन्होंने अपने लंबे समय के दोस्त, राजकुमारी कौल और प्रोफेसर BN कौल की बेटी को गोद लिया। उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य थीं और परिवार उनके साथ रहता था।
अटल बिहारी वाजपेयी जी का राजनीतिक शुरुआत :-
अटल बिहारी वाजपेयी जी का राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1942 से हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) से जुड़े। वाजपेयी भारत छोड़ो आंदोलन में वह हिस्सा लिए थे जिसके वजह से अंग्रेज सरकार के द्वारा उन्हें 23 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया। इसको लेकर कई जानकारों के बीच आज भी मतभेद होता आ रहा है कई जानकारों का मानना है कि बाजपेई जी उस पूरे आंदोलन में शामिल नहीं हुए थे जो कि अंग्रेज सरकार के द्वारा गिरफ्तार किया गया था। और कुछ जानकारों का कहना है कि अटल जी इस पूरे आंदोलन में हिस्सा लिए थे और इसी हिस्से के तौर पर वह जेल भी गए थे.
साल 1952 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे पर सफलता नहीं मिली। फिर वह उत्तरप्रदेश की एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव से लड़े , जहां उन्हे फिर से हार का सामना करना पड़ा था।
अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीतिक मे पहली बार सफलता 1957 के लोकसभा चुनाव से मिली थी। 1957 में जनसंघ ने उन्हें तीन लोकसभा सीटों लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़े । लखनऊ में वे चुनाव हार गए पर मथुरा में उनकी ज़मानत जब्त हो गई, लेकिन बलरामपुर संसदीय सीट से चुनाव जीतकर वे लोकसभा तक पहुंच गए।
अटल बिहारी बाजपेयी जी तीसरे लोकसभा चुनाव 1962 में लखनऊ सीट से चुनाव लड़ने के लिए खड़ा हुए लेकिन फिर से उन्हें हार का सामना करने को मिला । इसके बाद वे राज्यसभा सदस्य चुने गए। बाद में 1967 में फिर से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन फिर से हार का सामना करना पड़ा इसके बाद 1967 में ही उपचुनाव के लिए उत्तरे । जहां से वे जीतकर सांसद बने।
1967 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन संघ के अध्यक्ष बनते हैं. लेकिन पद संभालने के मात्र एक साल बाद ही 1968 मे उनकी राहत में हत्या कर दी जाती है जिसके बाद अटल बिहारी बाजपेयी जन संघ के अध्यक्ष बनते हैं अध्यक्ष बनने के बाद भारत में 1975 में आपातकाल लागू कर दिया जाता है आपातकाल के समय अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी को बैंगलोर से गिरफ्तार कर लिया जाता है।
अटल जी के द्वारा विदेश मंत्री में भूमिका :-
अटल बिहारी बाजपेयी ने लोकसभा चुनाव में अपनी पहली जीत दर्ज की। इसके बाद उनकी उपलब्धि को देखते हुए उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।अटल बिहारी बाजपेयी दो साल तक मोरारजी देसाई कि सरकार में साल 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे। इस पूरी सरकार की विशेष बात यह रही कि यह पूरी सरकार लंबे समय तक नहीं चल सकी क्योंकि यह एक गठबंधन का सरकार था। लेकिन बाजपेयी जी ने जो विदेश मंत्री के पद पर रहते हुए जो काम किए थे उस काम को लेकर तमाम राजनेताओं के बहुत बड़ी प्रशंसा की गई थी और इसमें विशेष बात यह रही कि अपने कार्यकाल के दौरान बाजपेयी जी ने “संयुक्त राष्ट्र महासभा” में पहली बार हिंदी में भाषण दिए थे ।
प्रधानमंत्री के रूप में अटल अटल बिहारी का कार्य :-
अटल बिहारी बाजपेयी जी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने जिन्होंने अपना पूरा कार्यकाल किया इनसे पहले और भी गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने थे लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे
1996 में जब चुनाव आयोजन किया गया तो भारतीय जनता पार्टी(BJP) बड़ी पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आया और इसके बाद राष्ट्रपति के द्वारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया इसके बाद अटल बिहारी बाजपेई प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ भी ग्रहण किए लेकिन वह अपना समर्थन जुटाने में असमर्थ रहे इसके बाद 13 दिनों के अंदर ही उनकी सरकार गिर गई और बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा
13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनता पार्टी के गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने।
प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अटल बिहारी बाजपेयी जी के द्वारा किए गए प्रमुख कार्य और मुख्य उपलब्धियां :-
अटल बिहारी बाजपेयी जी ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र किस प्रकार से बनाए थे ?
अटल बिहारी बाजपेयी जी के सरकार के द्वारा 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र घोषित कर दिए । इस कदम से उन्होंने भारत को निर्विवाद रूप से विश्व के मानचित्र पर एक सुदृढ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। यह सब इतनी गोपनीयता से किया गया कि अति विकसित देश के जासूसी उपग्रहों व तकनीक से संपन्न यूरोपीय देशों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसके अलबा इसके बाद यूरोपीय देशों द्वारा भारत पर अनेक प्रतिबंध लगाए गए लेकिन अटल बिहारी बाजपेयी जी के सरकार के द्वारा सबका दृढ़तापूर्वक सामना करते हुए आर्थिक विकास की ऊँचाईयों को छुआ।
पाकिस्तान से संबंधों में सुधार की बात :-
अटल जी के सरकार के द्वारा 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई थी । इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज़ शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नयी शुरुआत की बात किए…
अटल बिहारी बाजपेयी जी के सरकार में कारगिल युद्ध की लड़ाई :-
पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ की शह पर पाकिस्तानी सेना व आतंकवादियों के द्वारा कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ करके कई पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया। अटल जी के सरकार ने पाकिस्तान की सीमा का उल्लंघन न करने बात कि थी अंतरराष्ट्रीय सलाह का सम्मान करते हुए ऑपरेशन विजय के द्वारा ठोस कार्यवाही करके भारतीय क्षेत्र को मुक्त कराया गया।इस युद्ध में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण भारतीय सेना को जान माल का बहुत नुकसान हुआ और पाकिस्तान के साथ शुरु किए गए रिश्ते फिर से बिगड़ गए ।
अटल जी के कार्यकाल मे स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का निर्माण:-
अटल बिहारी जी के ही द्वारा भारत मे सड़क मार्ग को जोड़ने का काम चारों ओर से किया गया था । इसमें दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों को राजमार्गों से जोड़ने का काम किया गया था जिसे स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का नाम दिया गया और अभी तक कोई भी सरकार के द्वारा इतना ज्यादा सड़के का निर्माण नहीं किए गए है जितना कि अटल बिहारी वाजपेय जी की सरकार के द्वारा किया गया है।
अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा लिखी गई प्रमुख रचनायें :-
- भारत की विदेश नीति: नई डायमेंशन
- राष्ट्रीय एकीकरण
- क्या खोया क्या पाया
- मेरी इक्यावन कविताएं
- न दैन्यं न पलायनम्
- राजनीति की रपटीली राहें
- Decisive Days
- असम समस्या: दमन समाधान नहीं
- शक्ति से संती
- Back to Square One
- Dimension of an Open सोसाइटी
अटल बिहारी वाजपेयी जी को मिले पुरस्कार और सम्मान
- 1 पद्म विभूषण :- भारत सरकार के द्वारा :-1992 मे
- 2 डॉक्टर ऑफ लेटर :- कानपुर विश्वविद्यालय के द्वारा :-1993 मे
- 3 उत्कृष्ट संसदीय पुरस्कार :- भारतीय संसद के द्वारा:-1994
- 4 लोकमान्य तिलक पुरस्कार :-भारत सरकार के द्वारा:-1994
- 5 भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार :- 1994 भारत सरकार के द्वारा
- 6 भारत रत्न :- भारत सरकार के द्वारा :-2015
- 7 बांग्लादेश लिबरेशन वार सम्मान :- बांग्लादेश सरकार के द्वारा :-2015
निष्कर्ष (Conclusion):-
हम अपने द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी जी की जीवनी से संबंधित कई महत्वपूर्ण तथ्यों को समझाने की कोशिश की है और उनके योगदानों के बारे में भी बताया है। वे एक सच्चे देशभक्त थे और हमेशा रहेंगे। इसी के साथ मैं आपसे आज्ञा लेता हूं। इस लेख से संबंधित अगर आपको कोई चीज समझ में नहीं आया है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर हमसे प्रश्न पूछ सकते हैं हम आपको उचित जानकारी बताने की पूरी कोशिश करेंगे। Thank you 👍
FAQs (Frequently Asked Questions) –
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 में मध्य प्रदेश जिले के ग्वालियर शहर के एक छोटे से गांव “बटेश्वर” में हुआ था।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न कब दिया गया था ?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न पुरस्कार साल 2015 में दिया गया था। इस पुरस्कार को देने की घोषणा साल 2014 में इनके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले यानि 24 दिसंबर 2014 को किया गया था ।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी जी की मृत्यु कब और कैसे हुई?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन 16 अगस्त 2018 में दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में हुआ था। इनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया की अटल जी का निधन निमोनिया और बहु अंग विफल होने के कारण हुआ है। 93 वर्ष की आयु में हुआ था अटल जी का निधन।
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